Unkahe रिश्ते - 4

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बहुत से रिश्तों की बातें की है मेने चलो आज में उपनी ही बात कर लेता हूं, मैं उन लोगो मे से हूँ जो ज़्यादातर किसी अंजानो से बाते नही करते या फिर उनसे गुल मिल के रहने मैं बहुत देर लगती है तब तक शायद सामने वाला इंसान या तो Give up कर चुका होता है या फिर हमारे रहने न रहने के उसपे फिर कोई प्रभाव नही रहता। हमारा रिश्ता उन आम रिश्तो मैं शामिल हो जाता , जहा बस ज़्यादातर रिश्ते वो किताब से हो जाते है जिसे हमने पढ़ लिया होता है ओर अब वो कोने