जानकी ने कसकर अपनी आंखें बंद कर ली । उसने गले के करीब अपनी ओढ़नी को कसकर मुट्ठियों में थाम रखा था । पीछे खडे वो तीनों लडके एक राक्षसी हंसी हंस रहे थे । जानकी की घबराहट भी बढ चली थी । अचानक ही उसने महसूस किया जैसे उन लोगों ने उसका दुपट्टा छोड दिया हो । एकाएक उनकी हंसी भी बंद हो गयी । जानकी ने अपनी आंखें खोली । पीछे पलटकर देखने की उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी फिर भी उसने कोशिश की । जानकी ने जब पलटकर देखा तो आंखें हैरानी से बडी हो गई