शायरी - 13

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ककौन ढूंढे गा हमे इस भीड़ भाड़ भरे वीराने में,ऐ मौत बस तू मेरा साथ मत छोड़ना।। महगे के चक्कर में सस्ता ले लिया मौत अच्छी थी ये क्या हमने जिंदगी का रास्ता ले लियाआप तो हर दम मुस्कुराते हैं, क्या कहेंजो हजार गम है उसे छुपाते हैं, क्या कहेंदिल की कुछ बात नहीं कह सकते हैं, क्या कहेंलोग उड़ाने लगतें हैं मजाक, क्या कहेंहम आपके शहर में आए हैं, आप अपना समझो या बेगाना।कभी आप आइए हमारे शहर में,वहां आपको सभी अपने मिलेंगे।।आइना हो या आंखें धुंधला, रोने या धोने से हीं दिखता है।।कोई मोहब्बत कोई नशा कोई खुमार