भ्रम से भरी रातेंजब रात अपनी छाँव छोड़ती है और चाँदनी से जगमगाता हुआ सागर समुंद्र के किनारे आकर थम जाता है, विद्या और मुकुल के दिल में एक अजीब सी उत्सुकता छा जाती है। यह रातें उनके प्यार और भ्रम के बीच के संघर्ष को बढ़ा रही होती हैं।विद्या, जिसे मुकुल सिर्फ विद्या नाम से जानता है, अपने बिताए हुए पलों को भूलने का प्रयास करती हैं। उसके दिल के अंदर एक आग जल रही है, जो कह रही है कि मुकुल उसका सही चयन है, लेकिन उसके दिमाग में एक दुसरी आवाज़ है, जो कह रही है कि