सदियो से राधा कृष्ण की है और कृष्ण हमेशा से राधा के प्रेम बंधन पवित्र रिश्ता युग युगांतर से दोनो एक दुजे के तुमसे कितना प्यार है कैसे दिखा ऊं तुम्हे प्रियवर मेरे कैसे बताऊं तुम्हे की कितनी मन्नतो से से हुए थे तुम मेरे...तुमसे इतना प्यार है मुझे सनम मेरे जैसे भवरे को फुल से कितनी प्यारी ऑखें है तुम्हरी देखती हू मे सिर्फ तुम्हरी हू जैसे जी तो चाहता है की मे तुम्ह हर पल देखती ही रहू सब भुल जाऊं बस तुम्हे निहारती ही रहू तुम्हारे प्यार के नशे मे जी चाहता है हमेशा के लिए डूब