वाजिद हुसैन की कहानी- प्रेम कथा उसे शिकार का बड़ा भारी शौक था। यहां तक कि वह उसके सामने अपने मां, बाप, भाई- बहन और प्यारे प्राणों को भी कोई चीज़ नहीं समझता था। देश के बटवारे के बाद उसके दादा उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में बस गए थे। उसके फार्म पर आदमियों की कमी नहीं थी। अगर वह चाहता तो शिकार को जाते वक्त एक की जगह कई आदमी ले जा सकता था। लेकिन उसकी आदत कुछ ऐसी पड़ गई थी कि चोर की तरह अकेले जाना ही उसे अच्छा लगता था। एक दिन की बात सुनिए। गर्मी