प्रश्न: यजुर्वेद क्या है ? गुरु : वेदों का मूल सिद्धांत है, जीवन जीने का ढंग है, हम जो सोचते हैं, विचार करते हैं, वही कर्म करते हैं, जो कर्म करते हैं उसी का फल मिलता हैं. जिसका पहला चरण है “हम जो सोचते हैं, विचार करते हैं”, और दुसरा चरण है “जो कर्म करते हैं”, और तीसरा चरण है”, उसी का फल मिलता हैं”. दुसरे चरण यानी कर्म को संपन्न कराने के बारे में यजुर्वेद में बताया गया है. यजुर्वेद श्रेष्ठतम कर्म की प्रेरणा है, इसको पोरोहित्य प्राणाली में यज्ञ आदि कर्म सम्पन्न कराने के लिए संकलित