ओ..बेदर्दया--भाग(१५)(अन्तिम भाग)

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पारूल शास्त्री जी और शैलजा को पसंद आ गई थी इसलिए शास्त्री जी विधायक जी से बोलें.... "अब सगाई और शादी में ज्यादा देर नहीं करनी चाहिए,लड़की अपने घर को छोड़ चुकी है और जितनी जल्दी बहू बनकर वो हमारे घर आ जाएं तो उतना ही अच्छा रहेगा.." तब विधायक जी बोलें... "जी!बिल्कुल सही,मैं भी यही चाहता हूँ,लड़की अपने परिवार के विरूद्ध चली गई ये उसने ठीक नहीं किया लेकिन दिल से मजबूर इन्सान और कर भी क्या सकता है उसे अभ्युदय पसंद आ गया था तो बेचारी क्या करती"? "अब ये सब बातें छोड़िए,अब तो वो हमारे घर की