वेद, पुराण, उपनिषद चमत्कार या भ्रम - भाग 6

  • 3.1k
  • 1.6k

ऋग्वेद जारी है : ऋग वेद: हम जो सोचते हैं, विचार करते हैं, वही कर्म करते हैं, जो कर्म करते हैं उसी का फल मिलता हैं. यही जीवन जीने का ढंग वेदों का सिद्धांत है, और वेद इन सिधान्तों का विस्तार है. ऋग वेद ज्ञान का, सुविचार का वेद है, जो ऋचाओं व् सूक्त पर आधारित है, सूक्त का अर्थ है सुविचार, और ऋचा का अर्थ है पध्य. यजुर्वेद में कर्म करने की विधी बताई गई हैं, व् सामवेद के अंदर देवताओं की उपासना व फल के बारे में बताया गया है. अर्थव वेद समता, स्थिरता, एकाग्रता का विषय योग