बंजारन - 12

  • 3.9k
  • 2.1k

चांदनी शालिनी की ओर इशारा करते हुए प्रीत से कहती है–" दीदी, ये मेरी दोस्त शालिनी है।" चांदनी की बात सुन प्रीत मुस्कुराते हुए शालिनी से कहती है–" तुमसे मिलकर अच्छा लगा।" शालिनी भी मुस्कुराते हुए जवाब देती है–" मुझे भी आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा।" ठाकर साहब प्रीत के पास आते है और उससे कहते है–" क्या तुम दोनो पहले से एक दूसरे को जानती हो?" इस पर चांदनी जवाब देती है–" हा चाचा जी, इनका नाम प्रीत है, ये मेरी बुआ जी की लड़की है।" चांदनी की बात सुन ठाकुर साहब के चहरे पर एक मुस्कान आ जाती