आज बहुत देर से उठा था | सायद रात की दारू उतरी नहीं थी | ओर सर भी भारी लग रहा था पिछले कुछ दिनों से उसकी मुसकेलिया थम ने का नाम नहीं ले रही थी | वो कितना भी कुछ करले हालत बद से बदतर होते जा रहे थे | इसी के चलते उसने दारू ओर सिगरेट की लत भी लगा ली थी | आज जब वो उठा तो बस यही दोहराता रहा वो मुजे मार डालेगी | खैर ये बात अनुज की अनुज मिश्रा | जैसा उसका नाम था वैसा ही उसका रिश्ता | वो घर