बचपन में खिलौना तुट जाए,तो रो -रो कर बुरा हाल कर देती हे,मगर, जब दिल तुट जाए, तो किसी को पता तक नहीं चलने देती,कितनी नाजुक होती है लड़कियां ........अपनी पसंद का सूट न मिले ,तो त्योहार नही मनाती,मगर मां - बाप की खुशी के लिए, एक नापसंद इंसान के साथ जिंदगी गुजार देती है,कितनी नाजुक होती हे लड़कियां .........एक छोटी सी खरोच लग जाए,तो बवाल कर देती ही,मगर,बच्चे को जन्म देने का दर्द , खुशी_ खुशी सह जाती हे,कितनी नाजुक होती है लड़किया...........भाई-बहन अकेला छोड़ घूमने चले जाए, तो उधम मचा देती है,मगर जब