प्यार से विवाह तक का सफर

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प्यार से विवाह तक का सफर इतना लंबा होगा उन्होंने सोचा न था ।दो युवा दिलों ने दांपत्य जीवन के सपने संजोने शुरू कर दिए थे लेकिन इंतजार की घड़ियां बढ़ती ही जा रही थीं ।मुझे गुमसुम और उदास देख कर मां ने कहा, ‘‘क्या बात है, रति, तू इस तरह मुंह लटकाए क्यों बैठी है? कई दिन से मनोज का भी कोई फोन नहीं आया । दोनों ने आपस में झगड़ा कर लिया क्या?’’‘नहीं, मां, रोज रोज क्या बात करें ।कितने दिनों से शादी की तैयारी कर रहे थे, सब व्यर्थ हो गई. यदि मनोज के दादाजी की मौत