“मैं सर्वज्ञ तीर्थंकर हूँ। महावीर स्वामी खुद को तीर्थंकर कहते है पर वे एक ढोंगी है!”महावीर भगवान के शिष्य गोशाला ने, जिसने महावीर भगवान से ज्ञान प्राप्त किया था उसने ही इस तरह की बातें फैलाना शुरू किया। यह बात महावीर प्रभु के परम शिष्य गौतम स्वामी के कानों में भी पड़ी और उन्होंने महावीर प्रभु से पूछा कि, क्या यह बात सच है? गोशाला खुद को सर्वज्ञ कहता है ?वीतराग भगवान ने केवल इतना ही कहा, “यह बात सच नहीं है !”यह सुनकर गोशाला क्रोध से भड़क उठा। अपनी हकीकत सबके सामने आने के डर से वह बोला “अपने