प्रेम गली अति साँकरी - 65

  • 3k
  • 1.6k

65 ========== एक असमंजस में झूल रही थी मैं, न जाने कब से | मन केवल और केवल उत्पल की ओर झुक रहा था और सामाजिक रूप से, खुद अपने मन में कहीं गिल्ट भी महसूस कर रहा था लेकिन प्रेम पर कैसे कंट्रोल किया जा सकता है? अगले दिन नाश्ते पर अम्मा-पापा की आँखों में न जाने कितने सवाल भरे हुए थे लेकिन मैं उनकी आँखों में भरे हुए सवालों को समझते हुए भी नहीं समझ रही थी | आखिर क्या बताती? ये सब बातें दोस्तों –वो भी किसी करीब के दोस्त से शेयर करने तक तो ठीक---पर अम्मा-पापा