यातना - भाग 3

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कभी-कभी तो रंभा सोचती थी कि दो-तीन साल में ही यह सब बंद हो जाएगा और शायद ज्यादातर काम की वजह से और व्यस्त रहने की वजह से दिनेश उस पर जो अत्याचार करता है उस पर सहज रूकावट आ जाएगी लेकिन दिन-ब-दिन दिनेश की हरकतें और हैवानी हो गई कभी-कभी तो रंभा इतना थक जाती थी कि उठने की कोशिश के बावजूद भी वह उठ नहीं पाती थी सारा बदन मानो दर्द से कांप रहा हो और कभी-कभी तो वह बुखार से तपती रहती थी और जहां जैसे पड़ी होती थी सुबह तक वहीं वैसे ही पड़ी रहती थी