वैम्पायर सम्राट ड्रैकुला के शरीर से अचानक ही वह क्रॉस एक झटके के साथ निकल गया.....क्रॉस निकलते ही उसका शरीर धीमे धीमे से जागृत होने लगा.....यह अत्यंत अशुभ घड़ी थी.....ड्रैकुला के कहर से दुनिया सिर्फ दो वजहों से सुरक्षित थी....एक तो उसके सीने में धंसा वह अभिमंत्रित क्रॉस,जिसने ड्रैकुला के शरीर को सदियों से सुप्त अवस्था मे डाल रखा था......और दूसरी वजह थी..…तिलिस्मी चक्रवात की वह कैद जिसने ड्रैकुला के शरीर को अपने अंदर समेट रखा था..... आज ड्रैकुला एक लंबी नींद से उठ चुका था... शैतानी नजरो से उसने सबसे पहले अपने शरीर को निहारा.....सदियों से निष्क्रिय उसका जिस्म