रात के २ बजने वाले थे | अब सारा माहोल शांत हो चुका था | ट्रेन की मुसाफ़री भी रुकने पर थी | लेकिन फिर भी एक युवान प्लेटफ़ॉर्म पर किसिकी राह देख रहा था | रात्री के अंधकार मे सिर्फ हवा की लहेर ही महेसुस हो रही थी | उन दिनों सर्दी बहुत थी | लेकिन वो युवान उठने का नाम नहीं ले रहा था | इतने मे एनाउंसमेंट होता है की , " यात्रीगण कृपया ध्यान दे मुंबई के लिए आखरी ट्रेन रवाना होने के लिए प्लेटफ़ॉर्म पर तैयार है " तभी वहा वरुण आता