श्री चैतन्य महाप्रभु - 12

  • 2.7k
  • 1.4k

गोदावरीके तटपर राय-रामानन्द से मिलनइस प्रकार भट्ट परिवार पर कृपा कर प्रभु गोदावरी के तटपर पहुँचे। गोदावरी का दर्शन कर उन्हें यमुना का स्मरण हो आया। उन्होंने आनन्द पूर्वक उसमें स्नान किया तथा घाट से कुछ दूरी पर बैठकर कृष्ण नाम-कीर्तन करने लगे उसी समय श्रीराय रामानन्द जी राज वेश में बहुत-से ब्राह्मणों के साथ गोदावरी में स्नान करने के लिए वहाँ पर उपस्थित हुए वे कृष्ण के ऐकान्तिक भक्त थे तथा कृष्ण लीला में श्रीराधा जी की प्रिय सखी श्री विशाखा जी थे प्रभु का दर्शनकर वे मुग्ध हो गये और श्रीमन् महाप्रभु भी उन्हें देखकर पहचान गये कि