यातना - भाग 2

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रंभा कभी-कभी जब दिनेश नहीं होता था तो मान्या के घर जाती थी और उसे अपनी ह्रदय की करुणा की बातें बताती थी मान्या भी कभी-कभी तो रो पड़ती थी रंभा की बात को सुनकर वह रंभा के प्रति सहानुभूति जताती थी और रंभा को कभी-कभी कहती थी कि तुम कमजोर मत पड़ना सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन रंभा कहती थी मैं भी दिन में यही सोचती हूं कि आज रात को कुछ नहीं होगा लेकिन रात होते ही जैसे दिनेश एक हैवान बन जाता है कई कई बार तो में बेहोश हो जाती हूं पर वह मुझे छोड़ता