परमहंस योगानन्द गिरि

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दिन-प्रतिदिन लड़के की बिगड़ती हालत देखकर घर के सभी लोग चिन्तित हो उठे। दो दिन के भीतर वह इतना कमजोर हो गया कि उठना-बैठना मुश्किल हो गया। डॉक्टर ने कहा “यह हैजे का उग्र रूप है।”लेकिन लड़के की माँ के चेहरे पर शिकन तक नहीं थी। उन्हें दृढ़ विश्वास था कि उनके मुकुन्द को यमराज भी स्पर्श नहीं कर सकेंगे। भले ही इसे कुछ दिन कष्ट भोगना पड़े। जिस बालक को गुरुदेव का आशीर्वाद मिला है, उसकी अकाल मृत्यु नहीं हो सकती। उन्हें याद है जब मुकुन्द गोद में था तब भगवती चरण घोष सपरिवार काशी में योगिराज श्यामाचरण लाहिड़ी