आगे....... राधव और चाहत की कभी कभी मुलाकात होती थी। एक दूसरे के घर आना जाना रहता था। इसलिये दोनों एक दूसरे के बारे मे सब जानते थे और समझते थे। कॉल पर बात करना दोनों को पसंद नहीं था इसलिये ज्यादा तर बातें मैसेज पर करते। मस्ती मजाक मे भी राधव इसबात का पुरा ध्यान रखता की चाहत को बुरा ना लगे। बातों बातों में चाहत कहींबार कहती "मे तुमको दोस्त नहीं मानती, और राधव कहता it's ok, I understand... चाहत ये सोचती की राधव मेरी बातें इतनी अच्छे से कैसे समझ जाता है?इसी अच्छाई और सच्चाई देख चाहत