कामिनी जी याचना कि ओर एक नजर डाल...... अयाची कि ओर देख जो खुद सिर झुकाय बैठा था l याचना दो दिन बाद तुम्हारी शादी है तो तैयार रहना कोई तमाशा नहीं होना चाहिए! समझी?याचना चौक उठी आश्चर्य से अपनी मम्मी को देखे जा रही कभी अपनी मम्मी को देखती कभी पापा कभी अपने दादा को! याचना एक टक अपने दादा को देखे जा रही थी उसके दादा उससे नजरे चुरा रहा थे याचना कि जब निगाहो कि तपिश सह ना पाय तो झूठी मुस्कुराहट के साथ उठकर उसके सिर पर हाथ फ़ेर कर चले जल्दी से चले गये l