रोहन घर से निकलने ही वाला था कि चैत्रा ने उसे रोका और बोली- मैं भी तुम्हारे साथ जाउंगी।रोहन- नहीं मैं अकेला ही जाऊंगा, तुम वहां मुसीबत में पड़ सकती होचैत्रा- जो भी हो जाएंगे तो दोनों साथ जाएंगे जो होगा देखा जायेगारोहन- तो चलो फिर देखते हैं कौन हमारे बेटे को हमसे दूर कर पाता है।तभी रोहन की मां का फोन आया- हां मम्मी बोलोमां- बेटा सुन मेरा जी बहुत घबरा रहा है मैंने जो तुम्हे समन को जन्म के समय पहनाने के लिए जो सूर्य कवच दिया था उसे तुमने समन को पहनाया हैं ना ?रोहन- मां वो