एक थी रब्बो

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वाजिद हुसैन की कहानी- मार्मिक अट्ठारह बरस की रब्बो का यौवन निखर रहा था।रोज़ाना उसके अफग़ानी माता-पिता, चाचा-ताऊ उसका ब्याह कर देने के बारे में सोचते और कई बार इकट्ठे बैठकर इस बारे में राय-मशवरा भी कर चुके थे। लेकिन रब्बो को चाचा-ताऊ के लड़कों में से कोई भी पसंद नहीं था। उसके ताऊ का बड़ा लड़का रहमत मटरगश्ती करता था। चाहे वह सुंदर और लंबा– तगड़ा जवान था, रब्बो उसे कायर समझती थी। नई बस्ती के गद्दियों के लड़कों ने उसे एक- दो बार मारा-पीटा भी था।... गद्दियों के लड़के कहते थे, 'इसके पास शरीर तो है, ले