भाग 34तारीखें पड़ने लगीं थी। हर दफ़ा कोर्ट में आरिज़ मिलता और हर दफा वो फिज़ा को डराने की कोशिश करता। वह, वो सारे पैतरे आजमाता था जिससे वह अपना केस वापस ले लें। मगर फिज़ा ने भी ठान लिया था। वह हारेगी नही अपने ह़क की लड़ाई मरते दम तक लड़ेगी। जीत और हार का फैसला तो खुदा के हाथ में है। मगर जो हमारे हाथ में है वह हमें करने से कोई नही रोक सकता।समाज से बेदखली के बाद अकेलेपन की मार झेल रहे उस खान परिवार के पास अपना कोई नही था। मीडिया ने इस केस को