ओ खड़ूस अफसर

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ओ खड़ूस अफसर आज अचानक सुबह-सुबह गीता भाभी का फोन आया कहने लगी माला तुम आज ही तैयार होकर मेरे पास आ जाओ मैंने तुम्हारे जॉब की बात की है , आदमी बहुत ही अच्छा है और दफ्तर में अधिकारी है । मैं तो बस जैसे कोई मूर्ति बन गई थी । एकदम भाव शून्य सी खड़ी रह गई थी । सोचने लगी क्या वाकई माता ने मेरी पुकार सुन ली है । क्या मैं भी नौकरी कर पाऊंगी । पता नहीं, गीता भाभी ने कहा है कि भला आदमी है ,अच्छा है ,वैसे तो सभी आदमी अच्छे ही बने