आज अमित रोज की तरह बेचैन सा टहल रहा है । उसके मन में विचारों का महायुद्ध चल रहा है । एक तरफ मां की जिम्मेदारी तो दूसरी तरफ पत्नी के प्रति उसका कर्तव्य । दोनों ही तरह से पीसता जा रहा था । एक तरफ मां है जिसे जिसने उसे जन्म दिया। पाल पोसकर बड़ा किया। आज वह उम्र के अंतिम पड़ाव पर है, तो अमित की अधिक जिम्मेदारी बनती है, कि मां का ख्याल रखे। उसकी हर ख्वाहिश पूरी करे वगैरह वगैरह ।दूसरी तरफ किरण है, किरण अमित की पत्नी वह उसके जीवन संगिनी है। स्वभाव से थोड़ी