फरहान घर से रेलवें स्टेशन के लिए निकला तो बहुत परेशान था,क्योंकि उसका रिजर्वेशन कन्फर्म नहीं था और उसे आर.ए.सी. सीट मिली थी,इसलिए उसका मूड बहुत खराब था वो सोच रहा था कि ना जाने आर.ए.सी. सीट में किस किस्म का इन्सान हो,खड़ूस हुआ तो फिर उसका तो सारा सफ़र ही खराब हो जाएगा,रातभर का सफ़र है लखनऊ से दिल्ली तक का,वो ऐसे इन्सान को कैसे झेलेगा रातभर और यही सब सोचते सोचते वो लखनऊ रेलवें स्टेशन आ पहुँचा,फिर उसने आटो वाले को उसका किराया दिया,अपना सामान उठाया और आ गया प्लेटफार्म पर,फिर उसने एक खाली बेंच देखकर उस पर