दुष्चक्र - 1

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नारंग ने हाथ मे बंधी घड़ी में समय देखा।रात के साढ़े नौ बजे थे।इस स्टेशन से छोटी लाइन की अंतिम ट्रेन कुमायूं एक्सप्रेस जाती थी।इस ट्रेन के छूटने में आधा घण्टा शेष रह गया था। लेकिन किसी यात्री के लगेज बुक कराने आने के आसार नजर नही आ रहे थे।न जाने आज सुबह उठते ही किस मनहूस का मुंह देख लिया था कि वह दो बजे ड्यूटी पर आया तब से अब तक तीन ट्रेनें जा चुकी थी।लेकिन कोई भी यात्री उसके पास माल बुक कराने के लिए नही आया था।मानाकि आज शहर में हड़ताल थी।हमारे देश मे हड़ताल होना