सुबह का वक्त , रघुवंशी मेंशनराघव ऑफिस के लिए निकल चुका था । परी अंदर हॉल में अकेली खेल रही थी । करूणा नीचे चली आई । कैलाश जी अंदर आते हुए बोले " बहुरानी आज भी कुछ लडकिया आई हैं आप एक ..... कैलाश जी कह ही रहे थे की तभी करूणा बीच मे टोकते हुए बोली " आप बस उन्हें लाते रहिए । काम का तो कोई नही निकला । अभी तक हमे एक केअर टेकर नही मिल पाई । " " भाभी समझिए उसकी टेंशन भी अब खत्म होने वाली हैं । " करूणा के कानों में