राघव ने दोबारा डुबकी लगाई और उसके साथ रागिनी भी पानी के अंदर गयी । दोनों ही एक साथ बाहर आए । इस वक्त भी वो पुष्प माला उन दोनों के गले में थी । राघव ने अपनी आंखें खोली । आंखें खोलते ही उसे अपने सामने एक लडकी दिखाई दी जो उसके लिए अंजान थी । रागिनी खोए हुए अपने हाथों को उसकी ओर बढा रही थी । राघव की आंखें छोटी हो गई । उसने गले से उस हार को निकाला जिस कारण रागिनी के हाथों में धक्का लगा । उसकी तंद्रा टूटी और वो गिरने लगी ।