सुंदरता एक कौआ सोचने लगा कि पंछियों में मैं सबसे ज्यादा कुरूप हूँ । न तो मेरी आवाज ही अच्छी है , न ही मेरे पंख सुंदर हैं । मैं काला - कलूटा हूँ । ऐसा सोचने से उसके अंदर हीन भावना भरने लगी और वह दुखी रहने लगा । एक दिन एक बगुले ने उसे उदास देखा तो उसकी उदासी का कारण पूछा । कौवे ने कहा – तुम कितने सुंदर हो, गोरे - चिट्टे हो, मैं तो बिल्कुल स्याह वर्ण का हूँ। मेरा तो जीना ही बेकार है । बगुला बोला – दोस्त मैं कहाँ सुंदर हूँ ।