कहानी - अंत भला तो सब भला दिल्ली के इंदिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रात भर चहल पहल रहती है . काफी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें रात में ही होती हैं . सर्वेश अमेरिका के लिए ह्यूस्टन की फ्लाइट के लिए चेक इन करने जा रहा था . स्वाति उसे विदा करने आई थी . स्वाति की आँखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे . सर्वेश उसे सांत्वना देते हुए बोला “ इतना रोने की क्या बात है ? बस दो साल की तो बात है , अपना एम एस पूरा कर मैं वापस आ रहा हूँ