प्रेम गली अति साँकरी - 63

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63--- ====== हम कमरे के बाहर निकल चुके थे | वैसे घर से निकले हुए मुझे दो घंटे तो हो ही गए होंगे लेकिन अभी तक उसका कोई ऐसा प्रभाव मुझ पर नहीं पड़ सका था कि मैं उसकी ओर आकर्षित होती | वैसे उसके व्यक्तित्व से तो मैं पहले से ही प्रभावित थी | धीरे-धीरे मुझे पता लगने लगा था कि इस बंदे का ‘लिविंग स्टाइल’ ज़रा ज़्यादा ही मॉर्डन है | हमारे घर के डिनर से शायद उसने अंदाज़ा लगाया था कि हम बड़े हाई-फ़ाई लोग हैं लेकिन वह यह नहीं समझ पाया था कि हम काफ़ी समृद्ध