तमाचा - 41 (टूअर टू जैसलमेर)

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चारों तरफ उगी हरी-हरी दूब जिसमें कम पानी की वजह से हल्का पीलापन आया हुआ था । कई सारे लड़के और लड़कियां अपनी-अपनी संगति के दोस्तों के साथ बैठे हुए अपनी गपशप में व्यस्त थे। एक लड़का उनके पास आकर बोलता है,"प्रोफेसर अजय हिंदी साहित्य की क्लास ले रहे है। जिसके भी हिंदी साहित्य है उनको बुला रहे है।"प्रोफेसर अजय केवल इंतजार ही करते रहे आख़िर वह बिना क्लास लिए जाने लगे। तभी कुछ विद्यार्थी उनके पास आते है और क्लास लेने का बोलते है। लेकिन वो बेचारे जो आये उनको जो नहीं आये उनकी डांट सुननी पड़ी।"तुम लोग यहाँ