सोई तकदीर की मलिकाएं 62 गेजा दिन ढलने से पहले कम्मेआना जाकर लौट आया । आकर उसने भोला सिंह और बसंत कौर को बताया कि सरदार जी , सुभाष तो घर गया ही नहीं । परसों उसने कम्मेआना से कोटकपूरे वाली बस ली और छोटी सरदारनी के साथ ही बस में सवार हुआ था । उसके बाद का गाँव में किसी को कुछ पता नहीं । उन्हें तो यह भी पता नहीं था कि वह यहाँ छोटी सरदारनी जी को बस अड्डे पर उतार कर कहीं चला गया है । आपके दिए पैसे मैंने माँ को पकङाए