शिव - पार्वती का प्रेम

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सृष्टि की सर्वश्रेष्ठ प्रेमगाथा- शिव-पार्वती का प्रेम...माता पार्वती शिवजी की केवल अर्धांगिनी ही नहीं शिष्या भी बनीं। शिवजी से अनेक विषयों पर चर्चा करतीं।एक दिन पार्वतीजी ने पूछा- प्रेम क्या है महादेव?प्रेम का रहस्य क्या है?इसका वास्तविक स्वरुप, इसका भविष्य क्या है?शिवजी बोले- प्रेम क्या है, इसका रहस्य और स्वरुप यह तुम पूछ रही हो पार्वती?प्रेम का रहस्य क्या है--तुमने ही प्रेम के अनेको रूप उजागर किये हैं !तुमसे ही प्रेम की अनेक अनुभूतियाँ हुयी!सती के रूप में जब अपना शरीर त्याग तुम चली गयी, मेरा जीवन, मेरा संसार, मेरा दायित्व, सब निरर्थक और निराधार हो गया।मेरे नेत्रों से अश्रुओं