वाणी में मधुरता हिंदी में, संस्कार सभी है हिंदी में... दुश्मन को धूल चटा दे, वह ललकार बसी है हिंदी में... मृत देही में जान फूंक दे, वह उपचार बसा है हिंदी में... जन जन ,जय जय कार गूंजती, वह प्यार बसा है हिंदी में... पुष्पांजलि गंगा अमृत बरसे, वह अवतार बसा है हिंदी में... सूत्रों की धार है हिंदी में, भागवत प्रचार है हिंदी में... निज वाणी से करती अभिभूत में, मेरा अध्याय बसा है हिंदी में... हिन्दूस्तान की भाषा हिन्दी, स्वर-व्यंजन का मेल है हिन्दी, भाषा नही भाव है हिन्दी, सूर-कबीर-तुलसी-जायसी, सब की रचनाओ की भाषा हिन्दी, मीरा-सुभद्रा-महादेवी