(यह कहानी शुरू करने से पहले, इस कहानी में भारत माता मंदिर पर कोई डिस्क्रिप्शन नही दिया गया है। जिससे कर कहानी में रुकावट ना हो और कहानी में अनावश्यक डायलॉग ना आए। यह काफी लंबा अध्याय है।)तुषार को पहले ही खबर हो गई थी सुबह घमासान युद्ध की घोषणा होने वाली है तो वो पहले ही रागिनी को लेने भाग गया।सिद्धार्थ ने तुषार के "सुबह ही कही निकल गया है।" यह बात डाइनिंग टेबल पर जैसे ही गंगा से सुनी वो बौखला गया। "कहा जा रहा है?" "आज फिल्म का लास्ट डे है।" "अरे नाश्ता तो करके जा।" "