ओ..बेदर्दया--भाग(१४)

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शक्ति और दुर्गा दोनों का आपस में बहुत प्रेम था और उनका प्रेम देखकर शैलजा को बहुत अच्छा लगता था,बस कभी कभी वो ये सोचा करती थी कि काश अभ्युदय भी ब्याह कर ले और वो भी अपनी पत्नी के संग ऐसे ही खुशी खुशी जिन्दगी बिताएं,लेकिन शैलजा के लाख कहने पर भी अभ्युदय ब्याह के लिए राजी ना होता और शैलजा को ये बात कहने पर हमेशा निराश होना पड़ता.... ऐसे ही दिन बीत रहे थे और पता चला कि दुर्गा उम्मीद से है,ये खुशखबरी पाकर पूरा परिवार खुशी से उछल पड़ा और फिर कुछ महीने बाद दुर्गा ने