शक्तिमोहन अपने लफंगे दोस्तों के साथ ठेके पर दारू पीता रहा और दोपहर तक घर ना पहुँचा,वहाँ शैलजा दोपहर के खाने पर उसका इन्तजार करती रही,शैलजा ने सोचा कि शक्ति शाम तक लौट आएगा इसलिए उसने शास्त्री जी और अभ्युदय को खाना खिलाकर खुद भी खा लिया,फिर शाम होने को आई लेकिन शक्तिमोहन घर ना लौटा,आधी रात गए वो शराब के नशे में धुत घर लौटा,उसकी हालत देखकर शैलजा और शास्त्री जी परेशान हो उठे,शक्ति ऐसी हालत में भी नहीं था कि उससे बात की जा सके,वो लड़खड़ाता हुआ अपने कमरें जाकर बिस्तर पर लेट गया,इसलिए उस रात अभ्युदय के