ओ...बेदर्दया--भाग(८)

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फिर शैलजा सुकन्या बहू के साथ बाजार जाकर कुछ साड़ियाँ और श्रृंगार का सामान दिलवा लाई और उस रात शैलजा ने सुकन्या को अपने घर ही रोक लिया,दूसरे दिन ही उसे जाने दिया,अब लल्लन की भी गृहस्थी बस गई थी इसलिए लल्लन की शराब पीने की आदत छूटती जा रही थी,सुकन्या बहुत ही अच्छी पत्नी साबित हुई उसने आते ही लल्लन को और गृहस्थी को सम्भाल लिया,सुकन्या अपनी जेठानी शैलजा का भी बहुत मान करती थी लेकिन सुकन्या का बेटा शक्तिमोहन वैसा ना सोचता था जैसा कि सुकन्या शैलजा के परिवार के बारे में सोचती थी,शक्तिमोहन जब भी शास्त्री जी