जानकी इस वक्त सीढ़ियों पर बैठी बस नदी मे उमड़ रही लहरों को देख रही थी । आस पास का मौसम काफी सुहाना था । पानी का रंग नीले आसमान की तरह था । जानकी अपने ही ख्यालों में गुम एक टक उन आती जाती लहरो को देख रही थी । इसी बीच किसी ने पीछे से उसके कंधे पर हाथ रखा । जानकी ने मुड़कर देखा । पीछे खडे शख्श को देखकर वो थोडा हैरान होते हुए बोली " तुम यहां ....... ? " " हां मैं यहां " ये बोलते हुए वो आदमी वही उसके बगल में बैठ