करूणा की बातों से जैनी भावुक हो चुकी थी । वो उसके पैरों के पास गिरकर बोली " मैडम आज के टाइम में कोई अपनों को अपना नही कहता और आप गैरों को भी अपना कहती हैं । आज के समय में नौकरों को कौन अपना परिवार बताता है । आपने तो हमे घर का सदस्य ही कह डाला । "" क्यो न कहे आप सबको अपना परिवार । आप सब हमारे परिवार के सदस्य की तरह हैं । यहां काम करने वाला हर एक व्यक्ति हमारे परिवार का हिस्सा है । दिन रात आप लोग हमारे साथ रहते हैं