यदि यह संसार आपको पुसाता (जंचता) हो तो आगे कुछ भी समझने की जरूरत नहीं है और यदि यह संसार आपको परेशान करता हो तो अध्यात्म जानने की जरूरत है। अध्यात्म में 'स्वरूप' को जानने की जरूरत है। 'मैं कौन हूँ?' यह जानने पर सारे पजल सोल्व हो जाते हैं। —दादाश्री