लाजो का मन कोई काम करने का नही था।वह अपने घर मे घुसते ही कमरे में बिछी खाट पर कटे व्रक्ष की तरह धम्म से गिर गयी।"अंधेरा क्यो कर रखा है?"जस्सो रोज की तरह नशे में झूमता हुआ घर लौटा था।जब कोई आवाज नही आई तो फिर वह एक बार बोला,"लेम्प क्यो नही जलाया?"जब लाजो फिर भी नही बोली तब जस्सो ने खुद लेम्प जलाया था।कमरे में उजाला होते ही जस्सो कि नजर खाट पर लेटी लाजो पर पड़ी।"अरे तुम यहाँ।क्या बात है तुम्हारी तबियत खराब है क्या?"जस्सो,लाजो को खाट में लेटे देख कर उसके पास जा बैठा।वह लाजो के