साथ जिंदगी भर का - भाग 45

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वरद आस्था को घर ले आ चुका था आस्था खामोश ऐसी किसी बेजान गुड़िया की तरह उसके साथ आ गई वरद उसे लगातार बातें कर रहा था लेकिन आस्था ना कुछ जवाब दे रही थी और ना ही कुछ रिजेक्ट कर रही थी पिल्लू.......... पिल्लू वरद ने उसे जोर-जोर से पुकारा आस्था डर सी गई सॉरी बच्चा तुम्हें डराने का कोई इरादा नहीं था वरद ने प्यार से उसके सर पर हाथ रखा कुंवर जी का क्या कॉल आया आस्था ने भरी आंखों से उससे पूछा भरत खामोश रहा आराम करो जाओ अब हम परसो सुबह लंदन के लिए निकलना