साथ जिंदगी भर का - भाग 17

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आस्था एकांश के कमरे से निकलकर किचन में आ गयी .... लगभग ब्रेकफास्ट बन चुका था ... दाईमाँ .. आस्था जी आस्था ... दाईमाँ ने फ्रूट कट करते हुये कहा आप ये क्यु कर रही है ... हम कर देते ना ... आस्था ने उनके हाथ से नाइफ लिया रहने दिजीये आस्था .... आप बिमार हे .... आराम किजीये .... दाईमाँ ओह हो दाईमाँ .... हमे नही आराम करना ... पता नही कल कितना सो गये हम .. आस्था ने नाराज होते हुये कहा हम्म . वैसे आप दोनों की ये आदत एक जैसी हो हे ..... दाईमाँ हम दोनो