मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 27

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भाग 27पूरी रात फिज़ा ने आँखों में काट दी। वह रात भर जागी थी और रोई भी थी इसलिए उसकी आँखें सूज के कुप्पा हो गयीं थीं। पूरी रात कैसे कटी ये वह ही जानती थी। सुबह होते ही अम्मी जान से जाकर मिली और फिर से वही सवाल जाकर पूछा जो उसे रात भर खंजर की तरह चुभा था। और उसकी चुभन अभी भी बिल्कुल वैसी ही थी। मगर वह अभी भी चुप ही रहीं और ये जताया जैसे उन्हे उस बाबत कुछ नही पता है। जब आप किसी अहज़ान से टूटे हुये हों और कोई इन्सान वहाँ पर